नई दिल्ली: विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली ने उत्तर प्रदेश को 55 रनों से मात दी। भारत को अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब जिता चुके उन्मुक्त चंद ने इस मैच में कुछ ऐसा काम किया है कि क्रिकेट जगत उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। सलामी बल्लेबाज उन्मुक्त ने टूटे जबड़े के बावजूद शतकीय पारी खेली और दिल्ली की जीत में अहम भूमिका निभाई।
16 साल पहले कुंबले ने भी किया था कुछ एेसा
बता दें कि साल 2002 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए टेस्ट मैच में अनिल कुंबले ने भी टूटे जबड़े के साथ खेला था।
कुंबले के सिर में मर्वन ढिल्लन की बाउंसर लग गई थी। टीम इंडिया के इस लेग स्पिनर के सिर और जबड़े से खून बहने लगा था, जो तकरीबन 20 मिनट तक बंद नहीं हुआ था। चोट के बाद अगले दिन कुंबले जबड़े और सिर पर पट्टी बांधकर मैदान में उतरे और 14 ओवर गेंदबाजी की। उन्मुक्त ने इस तरह दिग्गज क्रिकेटर अनिल कुंबले की याद दिला दी।
दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए उन्मुक्त (116) ने साथी सलामी बल्लेबाज हितेन दलाल (55) के साथ पहले विकेट के लिए 107 रन जोड़कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। कुलवंत खेजरोलिया और कप्तान प्रदीप सांगवान ने भी धारदार गेंदबाजी की जिससे दिल्ली ने विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के पूल बी मैच में उत्तर प्रदेश को 55 रन से हरा दिया।